54وَحيلَ بَينَهُم وَبَينَ ما يَشتَهونَ كَما فُعِلَ بِأَشياعِهِم مِن قَبلُ ۚ إِنَّهُم كانوا في شَكٍّ مُريبٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अब तो उनके और उनकी तमन्नाओं के दरमियान (उसी तरह) पर्दा डाल दिया गया है जिस तरह उनसे पहले उनके हमरंग लोगों के साथ (यही बरताव) किया जा चुका इसमें शक नहीं कि वह लोग बड़े बेचैन करने वाले शक में पड़े हुए थे