49قُل جاءَ الحَقُّ وَما يُبدِئُ الباطِلُ وَما يُعيدُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "सत्य आ गया (असत्य मिट गया) और असत्य न तो आरम्भ करता है और न पुनरावृत्ति ही।"