37وَما أَموالُكُم وَلا أَولادُكُم بِالَّتي تُقَرِّبُكُم عِندَنا زُلفىٰ إِلّا مَن آمَنَ وَعَمِلَ صالِحًا فَأُولٰئِكَ لَهُم جَزاءُ الضِّعفِ بِما عَمِلوا وَهُم فِي الغُرُفاتِ آمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह चीज़ न तुम्हारे धन है और न तुम्हारी सन्तान, जो तुम्हें हमसे निकट कर दे। अलबता, जो कोई ईमान लाया और उसने अच्छा कर्म किया, तो ऐसे ही लोग है जिनके लिए उसका कई गुना बदला है, जो उन्होंने किया। और वे ऊपरी मंजिल के कक्षों में निश्चिन्तता-पूर्वक रहेंगे