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Sura 34
Aya 3
3
وَقالَ الَّذينَ كَفَروا لا تَأتينَا السّاعَةُ ۖ قُل بَلىٰ وَرَبّي لَتَأتِيَنَّكُم عالِمِ الغَيبِ ۖ لا يَعزُبُ عَنهُ مِثقالُ ذَرَّةٍ فِي السَّماواتِ وَلا فِي الأَرضِ وَلا أَصغَرُ مِن ذٰلِكَ وَلا أَكبَرُ إِلّا في كِتابٍ مُبينٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और कुफ्फार कहने लगे कि हम पर तो क़यामत आएगी ही नहीं (ऐ रसूल) तुम कह दो हॉ (हॉ) मुझ को अपने उस आलेमुल ग़ैब परवरदिगार की क़सम है जिससे ज़र्रा बराबर (कोई चीज़) न आसमान में छिपी हुई है और न ज़मीन में कि क़यामत ज़रूर आएगी और ज़र्रे से छोटी चीज़ और ज़र्रे से बडी (ग़रज़ जितनी चीज़े हैं सब) वाजेए व रौशन किताब लौहे महफूज़ में महफूज़ हैं