18وَجَعَلنا بَينَهُم وَبَينَ القُرَى الَّتي بارَكنا فيها قُرًى ظاهِرَةً وَقَدَّرنا فيهَا السَّيرَ ۖ سيروا فيها لَيالِيَ وَأَيّامًا آمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हम अहले सबा और (शाम) की उन बस्तियों के दरमियान जिनमें हमने बरकत अता की थी और चन्द बस्तियाँ (सरे राह) आबाद की थी जो बाहम नुमाया थीं और हमने उनमें आमद व रफ्त की राह मुक़र्रर की थी कि उनमें रातों को दिनों को (जब जी चाहे) बेखटके चलो फिरो