11أَنِ اعمَل سابِغاتٍ وَقَدِّر فِي السَّردِ ۖ وَاعمَلوا صالِحًا ۖ إِنّي بِما تَعمَلونَ بَصيرٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकि "पूरी कवचें बना और कड़ियों को ठीक अंदाज़ें से जोड।" - और तुम अच्छा कर्म करो। निस्संदेह जो कुछ तुम करते हो उसे मैं देखता हूँ