66يَومَ تُقَلَّبُ وُجوهُهُم فِي النّارِ يَقولونَ يا لَيتَنا أَطَعنَا اللَّهَ وَأَطَعنَا الرَّسولاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीजिस दिन उनके मुँह जहन्नुम की तरफ फेर दिए जाएँगें तो उस दिन अफ़सोसनाक लहजे में कहेंगे ऐ काश हमने खुदा की इताअत की होती और रसूल का कहना माना होता