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Sura 33
Aya 66
66
يَومَ تُقَلَّبُ وُجوهُهُم فِي النّارِ يَقولونَ يا لَيتَنا أَطَعنَا اللَّهَ وَأَطَعنَا الرَّسولا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

जिस दिन उनके मुँह जहन्नुम की तरफ फेर दिए जाएँगें तो उस दिन अफ़सोसनाक लहजे में कहेंगे ऐ काश हमने खुदा की इताअत की होती और रसूल का कहना माना होता