66يَومَ تُقَلَّبُ وُجوهُهُم فِي النّارِ يَقولونَ يا لَيتَنا أَطَعنَا اللَّهَ وَأَطَعنَا الرَّسولاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन उनके चहेरे आग में उलटे-पलटे जाएँगे, वे कहेंगे, "क्या ही अच्छा होता कि हमने अल्लाह का आज्ञापालन किया होता और रसूल का आज्ञापालन किया होता!"