62سُنَّةَ اللَّهِ فِي الَّذينَ خَلَوا مِن قَبلُ ۖ وَلَن تَجِدَ لِسُنَّةِ اللَّهِ تَبديلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयही अल्लाह की रीति रही है उन लोगों के विषय में भी जो पहले गुज़र चुके हैं। और तुम अल्लाह की रीति में कदापि परिवर्तन न पाओगे