59يا أَيُّهَا النَّبِيُّ قُل لِأَزواجِكَ وَبَناتِكَ وَنِساءِ المُؤمِنينَ يُدنينَ عَلَيهِنَّ مِن جَلابيبِهِنَّ ۚ ذٰلِكَ أَدنىٰ أَن يُعرَفنَ فَلا يُؤذَينَ ۗ وَكانَ اللَّهُ غَفورًا رَحيمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ नबी! अपनी पत्नि यों और अपनी बेटियों और ईमानवाली स्त्रियों से कह दो कि वे अपने ऊपर अपनी चादरों का कुछ हिस्सा लटका लिया करें। इससे इस बात की अधिक सम्भावना है कि वे पहचान ली जाएँ और सताई न जाएँ। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है