49يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا إِذا نَكَحتُمُ المُؤمِناتِ ثُمَّ طَلَّقتُموهُنَّ مِن قَبلِ أَن تَمَسّوهُنَّ فَما لَكُم عَلَيهِنَّ مِن عِدَّةٍ تَعتَدّونَها ۖ فَمَتِّعوهُنَّ وَسَرِّحوهُنَّ سَراحًا جَميلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! जब तुम ईमान लानेवाली स्त्रियों से विवाह करो और फिर उन्हें हाथ लगाने से पहले तलाक़ दे दो तो तुम्हारे लिए उनपर कोई इद्दत नहीं, जिसकी तुम गिनती करो। अतः उन्हें कुछ सामान दे दो और भली रीति से विदा कर दो