39الَّذينَ يُبَلِّغونَ رِسالاتِ اللَّهِ وَيَخشَونَهُ وَلا يَخشَونَ أَحَدًا إِلَّا اللَّهَ ۗ وَكَفىٰ بِاللَّهِ حَسيبًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह लोग जो खुदा के पैग़ामों को (लोगों तक जूँ का तूँ) पहुँचाते थे और उससे डरते थे और खुदा के सिवा किसी से नहीं डरते थे (फिर तुम क्यों डरते हो) और हिसाब लेने के वास्ते तो खुद काफ़ी है