32يا نِساءَ النَّبِيِّ لَستُنَّ كَأَحَدٍ مِنَ النِّساءِ ۚ إِنِ اتَّقَيتُنَّ فَلا تَخضَعنَ بِالقَولِ فَيَطمَعَ الَّذي في قَلبِهِ مَرَضٌ وَقُلنَ قَولًا مَعروفًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ नबी की स्त्रियों! तुम सामान्य स्त्रियों में से किसी की तरह नहीं हो, यदि तुम अल्लाह का डर रखो। अतः तुम्हारी बातों में लोच न हो कि वह व्यक्ति जिसके दिल में रोग है, वह लालच में पड़ जाए। तुम सामान्य रूप से बात करो