17قُل مَن ذَا الَّذي يَعصِمُكُم مِنَ اللَّهِ إِن أَرادَ بِكُم سوءًا أَو أَرادَ بِكُم رَحمَةً ۚ وَلا يَجِدونَ لَهُم مِن دونِ اللَّهِ وَلِيًّا وَلا نَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "कहो है जो तुम्हें अल्लाह से बचा सकता है, यदि वह तुम्हारी कोई बुराई चाहे या वह तुम्हारे प्रति दयालुता का इरादा करे (तो कौन है जो उसकी दयालुता को रोक सके)?" वे अल्लाह के अल्लाह के अलावा न अपना कोई निकटवर्ती समर्थक पाएँगे और न (दूर का) सहायक