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Sura 32
Aya 9
9
ثُمَّ سَوّاهُ وَنَفَخَ فيهِ مِن روحِهِ ۖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمعَ وَالأَبصارَ وَالأَفئِدَةَ ۚ قَليلًا ما تَشكُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

फिर उस (के पुतले) को दुरुस्त किया और उसमें अपनी तरफ से रुह फूँकी और तुम लोगों के (सुनने के) लिए कान और (देखने के लिए) ऑंखें और (समझने के लिए) दिल बनाएँ (इस पर भी) तुम लोग बहुत कम शुक्र करते हो