9ثُمَّ سَوّاهُ وَنَفَخَ فيهِ مِن روحِهِ ۖ وَجَعَلَ لَكُمُ السَّمعَ وَالأَبصارَ وَالأَفئِدَةَ ۚ قَليلًا ما تَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर उसे ठीक-ठीक किया और उसमें अपनी रूह (आत्मा) फूँकी। और तुम्हें कान और आँखें और दिल दिए। तुम आभारी थोड़े ही होते हो