27أَوَلَم يَرَوا أَنّا نَسوقُ الماءَ إِلَى الأَرضِ الجُرُزِ فَنُخرِجُ بِهِ زَرعًا تَأكُلُ مِنهُ أَنعامُهُم وَأَنفُسُهُم ۖ أَفَلا يُبصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीक्या इन लोगों ने इस पर भी ग़ौर नहीं किया कि हम चटियल मैदान (इफ़तादा) ज़मीन की तरफ पानी को जारी करते हैं फिर उसके ज़रिए से हम घास पात लगाते हैं जिसे उनके जानवर और ये ख़ुद भी खाते हैं तो क्या ये लोग इतना भी नहीं देखते