20وَأَمَّا الَّذينَ فَسَقوا فَمَأواهُمُ النّارُ ۖ كُلَّما أَرادوا أَن يَخرُجوا مِنها أُعيدوا فيها وَقيلَ لَهُم ذوقوا عَذابَ النّارِ الَّذي كُنتُم بِهِ تُكَذِّبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदरहे वे लोग जिन्होंने सीमा का उल्लंघन किया, उनका ठिकाना आग है। जब कभी भी वे चाहेंगे कि उससे निकल जाएँ तो उसी में लौटा दिए जाएँगे और उनसे कहा जाएगा, "चखो उस आग की यातना का मज़ा, जिसे तुम झूठ समझते थे।"