12وَلَو تَرىٰ إِذِ المُجرِمونَ ناكِسو رُءوسِهِم عِندَ رَبِّهِم رَبَّنا أَبصَرنا وَسَمِعنا فَارجِعنا نَعمَل صالِحًا إِنّا موقِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि कहीं तुम देखते जब वे अपराधी अपने रब के सामने अपने सिर झुकाए होंगे कि "हमारे रब! हमने देख लिया और सुन लिया। अब हमें वापस भेज दे, ताकि हम अच्छे कर्म करें। निस्संदेह अब हमें विश्वास हो गया।"