22۞ وَمَن يُسلِم وَجهَهُ إِلَى اللَّهِ وَهُوَ مُحسِنٌ فَقَدِ استَمسَكَ بِالعُروَةِ الوُثقىٰ ۗ وَإِلَى اللَّهِ عاقِبَةُ الأُمورِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख्स ख़ुदा के आगे अपना सर (तस्लीम) ख़म करे और वह नेकोकार (भी) हो तो बेशक उसने (ईमान की) मज़बूत रस्सी पकड़ ली और (आख़िर तो) सब कामों का अन्जाम ख़ुदा ही की तरफ है