17يا بُنَيَّ أَقِمِ الصَّلاةَ وَأمُر بِالمَعروفِ وَانهَ عَنِ المُنكَرِ وَاصبِر عَلىٰ ما أَصابَكَ ۖ إِنَّ ذٰلِكَ مِن عَزمِ الأُمورِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ बेटा नमाज़ पाबन्दी से पढ़ा कर और (लोगों से) अच्छा काम करने को कहो और बुरे काम से रोको और जो मुसीबत तुम पर पडे उस पर सब्र करो (क्योंकि) बेशक ये बड़ी हिम्मत का काम है