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Sura 31
Aya 15
15
وَإِن جاهَداكَ عَلىٰ أَن تُشرِكَ بي ما لَيسَ لَكَ بِهِ عِلمٌ فَلا تُطِعهُما ۖ وَصاحِبهُما فِي الدُّنيا مَعروفًا ۖ وَاتَّبِع سَبيلَ مَن أَنابَ إِلَيَّ ۚ ثُمَّ إِلَيَّ مَرجِعُكُم فَأُنَبِّئُكُم بِما كُنتُم تَعمَلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर तेरे माँ बाप तुझे इस बात पर मजबूर करें कि तू मेरा शरीक ऐसी चीज़ को क़रार दे जिसका तुझे इल्म भी नहीं तो तू (इसमें) उनकी इताअत न करो (मगर तकलीफ़ न पहुँचाना) और दुनिया (के कामों) में उनका अच्छी तरह साथ दे और उन लोगों के तरीक़े पर चल जो (हर बात में) मेरी (ही) तरफ रुजू करे फिर (तो आख़िर) तुम सबकी रुजू मेरी ही तरफ है तब (दुनिया में) जो कुछ तुम करते थे