12وَلَقَد آتَينا لُقمانَ الحِكمَةَ أَنِ اشكُر لِلَّهِ ۚ وَمَن يَشكُر فَإِنَّما يَشكُرُ لِنَفسِهِ ۖ وَمَن كَفَرَ فَإِنَّ اللَّهَ غَنِيٌّ حَميدٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिश्चय ही हमने लुकमान को तत्वदर्शिता प्रदान की थी कि अल्लाह के प्रति कृतज्ञता दिखलाओ और जो कोई कृतज्ञता दिखलाए, वह अपने ही भले के लिए कृतज्ञता दिखलाता है। और जिसने अकृतज्ञता दिखलाई तो अल्लाह वास्तव में निस्पृह, प्रशंसनीय है