99قُل يا أَهلَ الكِتابِ لِمَ تَصُدّونَ عَن سَبيلِ اللَّهِ مَن آمَنَ تَبغونَها عِوَجًا وَأَنتُم شُهَداءُ ۗ وَمَا اللَّهُ بِغافِلٍ عَمّا تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "ऐ किताबवालो! तुम ईमान लानेवालों को अल्लाह के मार्ग से क्यो रोकते हो, तुम्हें उसमें किसी टेढ़ की तलाश रहती है, जबकि तुम भली-भाँति वास्तविकता से अवगत हो और जो कुछ तुम कर रहे हो, अल्लाह उससे बेख़बर नहीं है।"