9رَبَّنا إِنَّكَ جامِعُ النّاسِ لِيَومٍ لا رَيبَ فيهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ لا يُخلِفُ الميعادَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ हमारे परवरदिगार बेशक तू एक न एक दिन जिसके आने में शुबह नहीं लोगों को इक्ट्ठा करेगा (तो हम पर नज़रे इनायत रहे) बेशक ख़ुदा अपने वायदे के ख़िलाफ़ नहीं करता