77إِنَّ الَّذينَ يَشتَرونَ بِعَهدِ اللَّهِ وَأَيمانِهِم ثَمَنًا قَليلًا أُولٰئِكَ لا خَلاقَ لَهُم فِي الآخِرَةِ وَلا يُكَلِّمُهُمُ اللَّهُ وَلا يَنظُرُ إِلَيهِم يَومَ القِيامَةِ وَلا يُزَكّيهِم وَلَهُم عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदरहे वे लोग जो अल्लाह की प्रतिज्ञा और अपनी क़समों का थोड़े मूल्य पर सौदा करते हैं, उनका आख़िरत में कोई हिस्सा नहीं। अल्लाह न तो उनसे बात करेगा और न क़ियामत के दिन उनकी ओर देखेगा, और न ही उन्हें निखारेगा। उनके लिए तो दुखद यातना है