74يَختَصُّ بِرَحمَتِهِ مَن يَشاءُ ۗ وَاللَّهُ ذُو الفَضلِ العَظيمِफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"वह जिसे चाहता है अपनी रहमत (दयालुता) के लिए ख़ास कर लेता है। और अल्लाह बड़ी उदारता दर्शानेवाला है।"