69وَدَّت طائِفَةٌ مِن أَهلِ الكِتابِ لَو يُضِلّونَكُم وَما يُضِلّونَ إِلّا أَنفُسَهُم وَما يَشعُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(मुसलमानो) अहले किताब से एक गिरोह ने बहुत चाहा कि किसी तरह तुमको राहेरास्त से भटका दे हालॉकि वह (अपनी तदबीरों से तुमको तो नहीं मगर) अपने ही को भटकाते हैं