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Sura 3
Aya 69
69
وَدَّت طائِفَةٌ مِن أَهلِ الكِتابِ لَو يُضِلّونَكُم وَما يُضِلّونَ إِلّا أَنفُسَهُم وَما يَشعُرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(मुसलमानो) अहले किताब से एक गिरोह ने बहुत चाहा कि किसी तरह तुमको राहेरास्त से भटका दे हालॉकि वह (अपनी तदबीरों से तुमको तो नहीं मगर) अपने ही को भटकाते हैं