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Sura 3
Aya 49
49
وَرَسولًا إِلىٰ بَني إِسرائيلَ أَنّي قَد جِئتُكُم بِآيَةٍ مِن رَبِّكُم ۖ أَنّي أَخلُقُ لَكُم مِنَ الطّينِ كَهَيئَةِ الطَّيرِ فَأَنفُخُ فيهِ فَيَكونُ طَيرًا بِإِذنِ اللَّهِ ۖ وَأُبرِئُ الأَكمَهَ وَالأَبرَصَ وَأُحيِي المَوتىٰ بِإِذنِ اللَّهِ ۖ وَأُنَبِّئُكُم بِما تَأكُلونَ وَما تَدَّخِرونَ في بُيوتِكُم ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآيَةً لَكُم إِن كُنتُم مُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

"और उसे इसराईल की संतान की ओर रसूल बनाकर भेजेगा। (वह कहेगा) कि मैं तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से एक निशाली लेकर आया हूँ कि मैं तुम्हारे लिए मिट्टी से पक्षी के रूप जैसी आकृति बनाता हूँ, फिर उसमें फूँक मारता हूँ, तो वह अल्लाह के आदेश से उड़ने लगती है। और मैं अल्लाह के आदेश से अंधे और कोढ़ी को अच्छा कर देता हूँ और मुर्दे को जीवित कर देता हूँ। और मैं तुम्हें बता देता हूँ जो कुछ तुम खाते हो और जो कुछ अपने घरों में इकट्ठा करके रखते हो। निस्संदेह इसमें तुम्हारे लिए एक निशानी है, यदि तुम माननेवाले हो