200يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنُوا اصبِروا وَصابِروا وَرابِطوا وَاتَّقُوا اللَّهَ لَعَلَّكُم تُفلِحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानदारों (दीन की तकलीफ़ों को) और दूसरों को बर्दाश्त की तालीम दो और (जिहाद के लिए) कमरें कस लो और ख़ुदा ही से डरो ताकि तुम अपनी दिली मुराद पाओ