197مَتاعٌ قَليلٌ ثُمَّ مَأواهُم جَهَنَّمُ ۚ وَبِئسَ المِهادُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये चन्द रोज़ा फ़ायदा हैं फिर तो (आख़िरकार) उनका ठिकाना जहन्नुम ही है और क्या ही बुरा ठिकाना है