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Sura 3
Aya 179
179
ما كانَ اللَّهُ لِيَذَرَ المُؤمِنينَ عَلىٰ ما أَنتُم عَلَيهِ حَتّىٰ يَميزَ الخَبيثَ مِنَ الطَّيِّبِ ۗ وَما كانَ اللَّهُ لِيُطلِعَكُم عَلَى الغَيبِ وَلٰكِنَّ اللَّهَ يَجتَبي مِن رُسُلِهِ مَن يَشاءُ ۖ فَآمِنوا بِاللَّهِ وَرُسُلِهِ ۚ وَإِن تُؤمِنوا وَتَتَّقوا فَلَكُم أَجرٌ عَظيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अल्लाह ईमानवालों को इस दशा में नहीं रहने देगा, जिसमें तुम हो। यह तो उस समय तक की बात है जबतक कि वह अपवित्र को पवित्र से पृथक नहीं कर देता। और अल्लाह ऐसा नहीं है कि वह तुम्हें परोक्ष की सूचना दे दे। किन्तु अल्लाह इस काम के लिए जिसको चाहता है चुन लेता है, और वे उसके रसूल होते है। अतः अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाओ। और यदि तुम ईमान लाओगे और (अल्लाह का) डर रखोगे तो तुमको बड़ा प्रतिदान मिलेगा