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Sura 3
Aya 177
177
إِنَّ الَّذينَ اشتَرَوُا الكُفرَ بِالإيمانِ لَن يَضُرُّوا اللَّهَ شَيئًا وَلَهُم عَذابٌ أَليمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

जो लोग ईमान की क़ीमत पर इनकार और अधर्म के ग्राहक हुए, वे अल्लाह का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते, उनके लिए तो दुखद यातना है