177إِنَّ الَّذينَ اشتَرَوُا الكُفرَ بِالإيمانِ لَن يَضُرُّوا اللَّهَ شَيئًا وَلَهُم عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो लोग ईमान की क़ीमत पर इनकार और अधर्म के ग्राहक हुए, वे अल्लाह का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते, उनके लिए तो दुखद यातना है