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Sura 3
Aya 176
176
وَلا يَحزُنكَ الَّذينَ يُسارِعونَ فِي الكُفرِ ۚ إِنَّهُم لَن يَضُرُّوا اللَّهَ شَيئًا ۗ يُريدُ اللَّهُ أَلّا يَجعَلَ لَهُم حَظًّا فِي الآخِرَةِ ۖ وَلَهُم عَذابٌ عَظيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ रसूल) जो लोग कुफ़्र की (मदद) में पेश क़दमी कर जाते हैं उनकी वजह से तुम रन्ज न करो क्योंकि ये लोग ख़ुदा को कुछ ज़रर नहीं पहुँचा सकते (बल्कि) ख़ुदा तो ये चाहता है कि आख़ेरत में उनका हिस्सा न क़रार दे और उनके लिए बड़ा (सख्त) अज़ाब है