173الَّذينَ قالَ لَهُمُ النّاسُ إِنَّ النّاسَ قَد جَمَعوا لَكُم فَاخشَوهُم فَزادَهُم إيمانًا وَقالوا حَسبُنَا اللَّهُ وَنِعمَ الوَكيلُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीयह वह हैं कि जब उनसे लोगों ने आकर कहना शुरू किया कि (दुशमन) लोगों ने तुम्हारे (मुक़ाबले के) वास्ते (बड़ा लश्कर) जमा किया है पस उनसे डरते (तो बजाए ख़ौफ़ के) उनका ईमान और ज्यादा हो गया और कहने लगे (होगा भी) ख़ुदा हमारे वास्ते काफ़ी है