You are here: Home » Chapter 3 » Verse 165 » Translation
Sura 3
Aya 165
165
أَوَلَمّا أَصابَتكُم مُصيبَةٌ قَد أَصَبتُم مِثلَيها قُلتُم أَنّىٰ هٰذا ۖ قُل هُوَ مِن عِندِ أَنفُسِكُم ۗ إِنَّ اللَّهَ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ قَديرٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

मुसलमानों क्या जब तुमपर (जंगे ओहद) में वह मुसीबत पड़ी जिसकी दूनी मुसीबत तुम (कुफ्फ़ार पर) डाल चुके थे तो (घबरा के) कहने लगे ये (आफ़त) कहॉ से आ गयी (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ये तो खुद तुम्हारी ही तरफ़ से है (न रसूल की मुख़ालेफ़त करते न सज़ा होती) बेशक ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है