136أُولٰئِكَ جَزاؤُهُم مَغفِرَةٌ مِن رَبِّهِم وَجَنّاتٌ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ خالِدينَ فيها ۚ وَنِعمَ أَجرُ العامِلينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनका बदला उनके रब की ओर से क्षमादान है और ऐसे बाग़ है जिनके नीचे नहरें बहती होंगी। उनमें वे सदैव रहेंगे। और क्या ही अच्छा बदला है अच्छे कर्म करनेवालों का