122إِذ هَمَّت طائِفَتانِ مِنكُم أَن تَفشَلا وَاللَّهُ وَلِيُّهُما ۗ وَعَلَى اللَّهِ فَليَتَوَكَّلِ المُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब तुम्हारे दो गिरोहों ने साहस छोड़ देना चाहा, जबकि अल्लाह उनका संरक्षक मौजूद था - और ईमानवालों को तो अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए