100يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا إِن تُطيعوا فَريقًا مِنَ الَّذينَ أوتُوا الكِتابَ يَرُدّوكُم بَعدَ إيمانِكُم كافِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमान वालों अगर तुमने अहले किताब के किसी फ़िरके क़ा भी कहना माना तो (याद रखो कि) वह तुमको ईमान लाने के बाद (भी) फिर दुबारा काफ़िर बना छोडेंग़े