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Sura 29
Aya 29
29
أَئِنَّكُم لَتَأتونَ الرِّجالَ وَتَقطَعونَ السَّبيلَ وَتَأتونَ في ناديكُمُ المُنكَرَ ۖ فَما كانَ جَوابَ قَومِهِ إِلّا أَن قالُوا ائتِنا بِعَذابِ اللَّهِ إِن كُنتَ مِنَ الصّادِقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ