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Sura 29
Aya 18
18
وَإِن تُكَذِّبوا فَقَد كَذَّبَ أُمَمٌ مِن قَبلِكُم ۖ وَما عَلَى الرَّسولِ إِلَّا البَلاغُ المُبينُ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (ऐ अहले मक्का) अगर तुमने (मेरे रसूल को) झुठलाया तो (कुछ परवाह नहीं) तुमसे पहले भी तो बहुतेरी उम्मते (अपने पैग़म्बरों को) झुठला चुकी हैं और रसूल के ज़िम्मे तो सिर्फ (एहक़ाम का) पहुँचा देना है