76۞ إِنَّ قارونَ كانَ مِن قَومِ موسىٰ فَبَغىٰ عَلَيهِم ۖ وَآتَيناهُ مِنَ الكُنوزِ ما إِنَّ مَفاتِحَهُ لَتَنوءُ بِالعُصبَةِ أُولِي القُوَّةِ إِذ قالَ لَهُ قَومُهُ لا تَفرَح ۖ إِنَّ اللَّهَ لا يُحِبُّ الفَرِحينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिश्चय ही क़ारून मूसा की क़ौम में से था, फिर उसने उनके विरुद्ध सिर उठाया और हमने उसे इतने ख़जाने दे रखें थे कि उनकी कुंजियाँ एक बलशाली दल को भारी पड़ती थी। जब उससे उसकी क़ौम के लोगों ने कहा, "इतरा मत, अल्लाह इतरानेवालों के पसन्द नही करता