72قُل أَرَأَيتُم إِن جَعَلَ اللَّهُ عَلَيكُمُ النَّهارَ سَرمَدًا إِلىٰ يَومِ القِيامَةِ مَن إِلٰهٌ غَيرُ اللَّهِ يَأتيكُم بِلَيلٍ تَسكُنونَ فيهِ ۖ أَفَلا تُبصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकहो, "क्या तुमने विचार किया? यदि अल्लाह क़ियामत के दिन तक सदैव के लिए तुमपर दिन कर दे तो अल्लाह के सिवा दूसरा कौन इष्ट-पूज्य है जो तुम्हारे लिए रात लाए जिसमें तुम आराम पाते हो? तो क्या तुम देखते नहीं?