69وَرَبُّكَ يَعلَمُ ما تُكِنُّ صُدورُهُم وَما يُعلِنونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) ये लोग जो बातें अपने दिलों में छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तुम्हारा परवरदिगार खूब जानता है