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Sura 28
Aya 17
17
قالَ رَبِّ بِما أَنعَمتَ عَلَيَّ فَلَن أَكونَ ظَهيرًا لِلمُجرِمينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

उसने कहा, "ऐ मेरे रब! जैसे तूने मुझपर अनुकम्पा दर्शाई है, अब मैं भी कभी अपराधियों का सहायक नहीं बनूँगा।"