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Sura 28
Aya 10
10
وَأَصبَحَ فُؤادُ أُمِّ موسىٰ فارِغًا ۖ إِن كادَت لَتُبدي بِهِ لَولا أَن رَبَطنا عَلىٰ قَلبِها لِتَكونَ مِنَ المُؤمِنينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इधर तो ये हो रहा था और (उधर) मूसा की माँ का दिल ऐसा बेचैन हो गया कि अगर हम उसके दिल को मज़बूत कर देते तो क़रीब था कि मूसा का हाल ज़ाहिर कर देती (और हमने इसीलिए ढारस दी) ताकि वह (हमारे वायदे का) यक़ीन रखे