91إِنَّما أُمِرتُ أَن أَعبُدَ رَبَّ هٰذِهِ البَلدَةِ الَّذي حَرَّمَها وَلَهُ كُلُّ شَيءٍ ۖ وَأُمِرتُ أَن أَكونَ مِنَ المُسلِمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल उनसे कह दो कि) मुझे तो बस यही हुक्म दिया गया है कि मै इस शहर (मक्का) के मालिक की इबादत करुँ जिसने उसे इज्ज़त व हुरमत दी है और हर चीज़ उसकी है और मुझे ये हुक्म दिया गया कि मै (उसके) फरमाबरदार बन्दों में से हूँ