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Sura 27
Aya 60
60
أَمَّن خَلَقَ السَّماواتِ وَالأَرضَ وَأَنزَلَ لَكُم مِنَ السَّماءِ ماءً فَأَنبَتنا بِهِ حَدائِقَ ذاتَ بَهجَةٍ ما كانَ لَكُم أَن تُنبِتوا شَجَرَها ۗ أَإِلٰهٌ مَعَ اللَّهِ ۚ بَل هُم قَومٌ يَعدِلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

भला वह कौन है जिसने आसमान और ज़मीन को पैदा किया और तुम्हारे वास्ते आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने पानी से दिल चस्प (ख़ुशनुमा) बाग़ उठाए तुम्हारे तो ये बस की बात न थी कि तुम उनके दरख्तों को उगा सकते तो क्या ख़ुदा के साथ कोई और माबूद भी है (हरगिज़ नहीं) बल्कि ये लोग खुद अपने जी से गढ़ के बुतो को उसके बराबर बनाते हैं