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Sura 27
Aya 58
58
وَأَمطَرنا عَلَيهِم مَطَرًا ۖ فَساءَ مَطَرُ المُنذَرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और (फिर तो) हमने उन लोगों पर (पत्थर का) मेंह बरसाया तो जो लोग डराए जा चुके थे उन पर क्या बुरा मेंह बरसा