48وَكانَ فِي المَدينَةِ تِسعَةُ رَهطٍ يُفسِدونَ فِي الأَرضِ وَلا يُصلِحونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर शहर में नौ आदमी थे जो मुल्क के बानीये फसाद थे और इसलाह की फिक्र न करते थे-उन लोगों ने (आपस में) कहा कि बाहम ख़ुदा की क़सम खाते जाओ